बिना संभोग के मालिश - हवा का समय। उस आदमी ने अपने हाथों से अपनी प्रेमिका में इच्छा और आग लगा दी। उसकी चूत पहले से ही संभोग के लिए तैयार थी और शावर अंतिम आनंद का स्थान था। अगर वह उसे वहाँ नहीं लाया होता - तो उसे मालिश की मेज पर ही छुट्टी दे दी जाती। और पानी की धाराओं और उसके हाथ ने उस आदमी को विशेष रूप से चालू कर दिया - अब गीली चूत को खींचना संभव था। एक अच्छा पल उसका मुंह था - उसकी चिपचिपी धारा के लिए मददगार।
एक बिल्ली की तरह उसके चारों ओर रेंगने से लड़की का मालिक चालू हो जाता है। वह खुद उसे वह पट्टा प्रदान करती है जिस पर वह उसे प्यार करने के लिए ले जाता है। यह उसके शरीर पर उसकी शक्ति और उसकी अधीनता का प्रतीक है।